बाह्य प्राणायाम / Bahya Pranayama

बाह्य प्राणायाम करने की विधि / How To Do Bahya Pranayama -
सबसे पहले मध्यपट को निचे झुकाये और फेकडो को फुलाने की कोशिश करे और ऐसा महसुस करे जैसे की आपकी गले की हड्डियाँ फूल रही हो.
तेज़ी से साँस छोड़ते जाये और ऐसा करते समय अपने पेट पर भी थोडा जोर दे. शरीर के मध्यपट से साँस ऊपर फेकने की कोशिश करते रहे.
अब धीरे-धीरे अपनी छाती को ठोड़ी लगाने की कोशिश करे और अपने पेट को हल्के हाथो से दबाकर साँस बाहर निकलने की कोशिश करते रहे. आपको ऐसा करने की जरुरत है, ऐसा आपको करना ही पड़ेगा.
इस अवस्था में जितनी भी देर तक आप अपने आप को रख सकते है उतनी देर तक रहे.
अब धीरे-धीरे अपने पेट और मध्यपट को छोड़े और उन्हें हल्का महसुस होने दे.
इस प्रक्रिया को आप 4-5 बार दोहरा भी सकते हो.
बाह्य प्राणायाम के फायदे / Benefits Of Bahya Pranayama -
बाह्य प्राणायाम कब्ज, एसिडिटी और पेट से सम्बंधित बीमारियो से बचाता है.
प्रजनन अंगो के इलाज में सहायक.
डायबटीज के मरीज के लिये लाभकारी.
मूत्र संबंधी बीमारियो से निजात दिलाता है.
ध्यान रहे / Precautions -
साँस से सम्बंधित सारे प्राणायाम खाली पेट ही करे, यदि प्राणायाम करने से पहले ही आपने कुछ खा लिया हो तो अगले 5-6 घंटो तक प्राणायाम करने की कोशिश न करे.
जिन्हें ह्रदय, ब्लड प्रेशर संबंधी बीमारियाँ है ऐसे लोग इस प्राणायाम को न करे.
पीरियड के समय में महिलाये इस प्राणायाम को ना करे.
इस प्राणायाम को करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर या सलाहकार से राय अवश्य ले लीजिये.
और भी प्राणायाम के बारेमें जानकारी जरुर पढ़े -
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Please Note :- बाह्य प्राणायाम / Bahya Pranayama बनाने के लिए दी गयी जानकारी को हमने हमारे हिसाब से बताया है.
yoga करने से सभी रोग काफी हद तक ठीक हो जाते हैं, स्वस्थ रहने के लिये हर किसीने हर रोज yoga करना चाहिये.
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